
रायबरेली. सर्दियों का मौसम आते ही बाजारों में अमरूद की बहार दिखाई देने लगती है. यह फल न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन होता है बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर होने की वजह से सेहत के लिए भी फायदेमंद माना जाता है. अमरूद में मौजूद विटामिन सी, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में अहम भूमिका निभाते हैं. रायबरेली जिले के कस्बा शिवगढ़ स्थित जेआईसी की गृह विज्ञान प्रवक्ता वंदना शर्मा कहती हैं कि अमरूद का स्वाद तब और भी लाजवाब हो जाता है, जब इसे भूनकर चटनी बनाई जाती है. यह पारंपरिक रेसिपी हर घर के भोजन में अलग ही स्वाद भर देती है.
क्यों खास है अमरूद की चटनी?
आमतौर पर लोग अमरूद को कच्चा या नमक-मिर्च डालकर खाना पसंद करते हैं. लेकिन भुने हुए अमरूद से बनी चटनी का स्वाद एकदम अलग होता है। इसमें धुएं की हल्की सुगंध और मसालों का अनोखा मेल इसे खास बना देता है. यह चटनी दाल-चावल, पराठे, रोटी या यहां तक कि पकौड़े, टिक्की और समोसे जैसे स्नैक्स के साथ भी उतनी ही स्वादिष्ट लगती है. इस चटनी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे बिना तेल के भी बनाया जा सकता है. ऐसे में यह पूरी तरह से हेल्दी होती है और पाचन के लिए भी बेहद फायदेमंद.
इस तरह बनती है स्वादिष्ट चटनी
वंदना शर्मा बताती हैं कि भुने अमरूद की चटनी बनाने के लिए सबसे पहले ताजे और पके हुए अमरूद का चयन करना चाहिए. अमरूद की सफाई और तैयारी– अमरूद को अच्छी तरह धोकर बीच से काट लें. इसके बीज वाले हिस्से को हल्का निकाल दें. भूनने की प्रक्रिया– अब अमरूद के टुकड़ों को अंगीठी, तंदूर, गैस या ओवन पर हल्का सा भून लें. जब इसकी बाहरी परत हल्की काली हो जाए और अंदर का गूदा नरम हो जाए, तो उतार लें. छिलका उतारना– भुने हुए अमरूद को ठंडा होने दें और फिर उसका छिलका उतार लें. इससे चटनी का स्वाद और भी मुलायम हो जाता है. मसाले मिलाकर पीसें– अब मिक्सर जार में अमरूद का गूदा डालें और इसमें स्वादानुसार नमक, भुना जीरा पाउडर, काली मिर्च, हरी मिर्च, अदरक, लहसुन और हरा धनिया डालकर बारीक पीस लें. खटास और मिठास का विकल्प – अगर चटनी में खटास चाहिए तो इसमें थोड़ा नींबू का रस या इमली का गूदा मिलाया जा सकता है. वहीं, हल्की मिठास के लिए इसमें गुड़ भी डाला जा सकता है, जिससे इसका खट्टा-मीठा स्वाद और भी मजेदार हो जाता है.
स्वाद में गजब और सेहत में लाजवाब
भुना हुआ अमरूद न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन होता है बल्कि इसमें धुएं की हल्की महक इसे और भी खास बना देती है. इसमें मौजूद विटामिन सी शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाता है और सर्दियों में मौसमी बीमारियों से बचाव करता है. फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत रखता है और कब्ज जैसी समस्याओं से बचाता है. इस चटनी की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह पूरी तरह से प्राकृतिक तरीके से तैयार होती है, इसमें तेल या भारी मसालों का इस्तेमाल नहीं होता. इसलिए यह हर उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित और फायदेमंद है.
कब और कैसे परोसें?
भुने अमरूद की चटनी को ताजा ही परोसना सबसे अच्छा रहता है. इसे लंबे समय तक स्टोर करना ठीक नहीं होता क्योंकि इसमें प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल नहीं होता. यह चटनी खासकर पराठों के साथ नाश्ते में या फिर दोपहर के भोजन में दाल-चावल के साथ परोसने पर स्वाद दोगुना कर देती है. शाम को पकौड़े, टिक्की या समोसे के साथ इसका चटपटा स्वाद हर किसी को पसंद आता है.
रायबरेली की रसोई का स्वाद
रायबरेली के शिवगढ़ कस्बे की गृह विज्ञान प्रवक्ता वंदना शर्मा कहती हैं कि सर्दियों में यह चटनी लगभग हर घर में बनती है. पारंपरिक तरीके से बनाई गई यह रेसिपी न सिर्फ स्वाद में लाजवाब है बल्कि सेहत के लिहाज से भी बेहतरीन है अमरूद की चटनी का अनोखा स्वाद इसे आम फलों की चटनियों से अलग बनाता है और यही वजह है कि लोग इसे बार-बार बनाने की इच्छा जताते हैं.











