किसान इस प्रजाति के केले की करें खेती, कम समय में होगी डबल पैदावार, बन जाएंगे मालामाल!

Last Updated:September 20, 2025, 11:16 IST

Banana Farming: रायबरेली के नरेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार G9 केले की किस्म कम समय में दोगुनी पैदावार देती है. रोग प्रतिरोधी है और बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है.

 रायबरेली : अगर आप भी परंपरागत फसलों के इतर केले की खेती करना चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है. क्योंकि इस खबर में हम आपको केले की एक खास प्रजाति के बारे में बताने जा रहे हैं. जो केले के अन्य प्रजातियां की तुलना में बेहद अधिक पैदावार देने वाली किस्म है. दरअसल हम बात कर रहे हैं केले की उन्नत प्रजाति में शामिल G9 प्रजाति के किले की खेती के बारे में जो अपनी कई खूबियां के लिए जानी जाती है.तो आइए उद्यान विशेषज्ञ से जानते हैं. इसकी खास विशेषता कौन सी है? उद्यानिक क्षेत्र में 20 वर्षों का अनुभव रखने वाले रायबरेली जिले के वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक नरेंद्र प्रताप सिंह (बीएससी एग्रीकल्चर इलाहाबाद विश्वविद्यालय इलाहाबाद) लोकल 18 से बात करते हुए बताते हैं कि जी-9 किस्म का केला किसानों के लिए एक लाभकारी विकल्प साबित हो रहा है. यह कम समय में अधिक पैदावार देता है और बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है.जो किसान आधुनिक तरीके से खेती कर अधिक लाभ कमाना चाहते हैं, उनके लिए जी-9 किस्म की खेती बेहतर विकल्प है. खेती का तरीका नरेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक केले की जी-9 किस्म को सबसे अधिक उपज देने वाली और व्यावसायिक खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है. यह किस्म ऊंचाई में लगभग 6 से 7 फीट तक की होती है और तेज हवाओं में भी आसानी से नहीं गिरती है.जी-9 किस्म की खेती के लिए बलुई-दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है. खेत की जुताई कर उसमें गोबर की खाद और आवश्यक उर्वरक मिलाकर पौधरोपण किया जाता है.एक एकड़ जमीन में लगभग 1,200 से 1,500 पौधे लगाए जा सकते हैं.यह किस्म 11 से 12 महीने में तैयार हो जाती है और सिंचाई की कम जरूरत पड़ती है. ये हैं खेती के फायदे

जी-9 केले का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसकी पैदावार सामान्य किस्मों की तुलना में दोगुनी होती है. एक पौधा औसतन 25 से 30 किलो तक फल देता है. इसके फल आकार में बड़े, आकर्षक और स्वाद में मीठे होते हैं, जिससे बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है.यह किस्म रोगों और कीटों के प्रति भी काफी हद तक प्रतिरोधी मानी जाती है, जिससे फसल खराब होने का खतरा कम हो जाता है.

इतना होता है उत्पादन

नरेंद्र प्रताप सिंह बताते हैं कि एक एकड़ में जी-9 किस्म की केले की खेती पर औसतन 80 से 90 हजार रुपये तक की लागत आती है. वहीं फसल तैयार होने के बाद एक एकड़ से 30 से 35 टन तक उत्पादन मिलता है.

authorimgLalit Bhatt

पिछले एक दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हूं. पत्रकारिता की शुरुआत 2010 में नई दुनिया अखबार से की, जिसके बाद सफर लगातार आगे बढ़ता गया. हिंदुस्तान, शुक्रवार पत्रिका, नया इंडिया, वेबदुनिया और ईटीवी जैस…और पढ़ें

पिछले एक दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हूं. पत्रकारिता की शुरुआत 2010 में नई दुनिया अखबार से की, जिसके बाद सफर लगातार आगे बढ़ता गया. हिंदुस्तान, शुक्रवार पत्रिका, नया इंडिया, वेबदुनिया और ईटीवी जैस… और पढ़ें

Location :

Rae Bareli,Rae Bareli,Uttar Pradesh

First Published :

September 20, 2025, 11:16 IST

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blboddh@gmail.com

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