
Last Updated:September 20, 2025, 13:04 IST
Turnip Farming Tips : शलजम, जो कभी गुलामों की फेवरेट सब्जी के तौर पर जानी जाती थी, आज किसानों के लिए पैदावार और आमदनी का बेहतर जरिया बन सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि शलजम की खेती से अच्छी कमाई की जा सकती है, बस किसान को कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना होगा.
शाहजहांपुर : शलजम की खेती करने वाले किसानों के लिए सितंबर का महीना काफी महत्वपूर्ण है. जिन किसानों के खेत खाली हैं, वो शलजम की बुवाई कर सकते हैं. बुवाई के समय किसानों को उन्नत किस्म का चयन करना चाहिए और बुवाई से पहले खेत में संतुलित मात्रा में उर्वरकों की पूर्ति करें. बेमौसम बारिश से फसल को बचाने के लिए शलजम की बुवाई कूड़ों (ridges) पर करनी चाहिए. यह तकनीक जल-भराव से बचाती है. इस समय की गई बुवाई से किसानों को अच्छी पैदावार मिलने की उम्मीद है. गौरतलब है कि किसी दौर में इस सब्जी का इस्तेमाल पशु के चारे और गुलामों के खाने के लिए किया गया है. हालांकि गुणों से भरपूर इस सब्जी को अब दुनियाभर में हाथोंहाथ लिया जाता है.
जिला उद्यान अधिकारी डॉ पुनीत कुमार पाठक ने बताया कि सितंबर का महीना शलजम की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त समय है, खासकर उन किसानों के लिए जिनके खेत अब बुवाई के लिए तैयार हैं. शलजम की बुवाई के लिए उन्नत किस्मों का चयन करें. बुवाई से पहले मिट्टी की जांच करवाकर संतुलित मात्रा में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश जैसे उर्वरकों का प्रयोग करें. इसके अलावा, बारिश के मौसम में जल-भराव से फसल को बचाने के लिए कूड़ों पर बुवाई करना बेहतर होगा, इससे पौधों की जड़ें सुरक्षित रहती हैं और उपज में वृद्धि होती है.
कब करें उर्वरक का छिड़काव ?
शलजम की बुवाई करने से पहले खेत की गहरी जुताई करें. उसके बाद खेत की मिट्टी को पाटा चला कर समतल करें, ऐसा करने से मिट्टी भुरभुरी भी हो जाएगी. खेत की अंतिम जुताई के समय किसान 100 किलोग्राम नाइट्रोजन, 50 किलोग्राम फास्फोरस और 50 किलोग्राम पोटाश और इसके साथ ही 20 किलोग्राम सल्फर का इस्तेमाल करें. ऐसा करने से शलजम की फसल अच्छा उत्पादन देगी. ग्रोथ भी अच्छी होगी. खेत की तैयारी करने के बाद किसान कूड बना लें. कूड़ पर बुवाई करने से शलजम की गुणवत्ता बेहतर होगी, और बारिश होने पर फसल को नुकसान नहीं होगा.
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
एक हेक्टेयर शलजम की फसल की बुवाई करने के लिए किसानों को 3 से 4 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होगी. किसान लाइन से लाइन की दूरी 5 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 7 सेमी रखें ध्यान रखें. बीज को ज्यादा गहराई पर ना बोएं, 1.5 इंच की गहराई पर ही बुवाई करें. ऐसा करने से जमाव हो बेहतर होगा.
मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु…और पढ़ें
मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु… और पढ़ें
Location :
Shahjahanpur,Uttar Pradesh
First Published :
September 20, 2025, 13:04 IST
गुलामों की ये फेवरेट सब्जी… बना देगी किसानों को ‘धन्ना सेठ’!












